From Purnia City
माना के जायज़ नहीं है तुमसे बेपनाह इश्क करना,
लेकिन जब तुम्हें देखा तो ठान लिया यह गुनाह करना!
फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो,
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो,
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ,
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो
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